ऑनलाइन परिमार्जन प्लस आवेदन करें | Click Here |
“ऑनलाइन परिमार्जन प्लस आवेदन करें”-(bihar bhumi parimarjan online) के बारे में इस पोस्ट में पूर्ण ज जानकारी प्राप्त करेंगे की “परिमार्जन प्लस ” के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करते है | “बिहार भूमि परिमार्जन ” बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के द्वारा शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण पहल है , जिसमे राज्य के भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन अद्यतन करने और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है | यह एक व्यापक और बहुआयामी प्रक्रीया है , जिसका उद्देश्य पुरानी एवं त्रुटिपूर्ण भूमि अभिलेखों को ठीक करना तथा नवीनतम जानकारी को शामिल करना एवं भूमि से सम्बंधित विवादों को कम करना है |
ऐतिहासिक रूप से, भारत में, और विशेष रूप से बिहार में, भूमि अभिलेखों को बनाए रखने में कई चुनौतियाँ रही हैं। उपनिवेशवाद के दौरान बनी पुरानी बंदोबस्त प्रणाली, प्राकृतिक आपदाएँ, विभाजन, अपर्याप्त डिजिटलीकरण और मानवीय त्रुटियाँ भूमि अभिलेखों की सटीकता को प्रभावित करती रही हैं। इन त्रुटियों के कारण भूमि विवादों में वृद्धि हुई है, संपत्ति के हस्तांतरण में जटिलताएँ आई हैं और विकासात्मक परियोजनाओं को लागू करने में बाधाएँ उत्पन्न हुई हैं। किसानों को ऋण प्राप्त करने, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और अपनी भूमि पर पूर्ण स्वामित्व स्थापित करने में भी कठिनाई होती है। “बिहार भूमि परिमार्जन” इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए एक ठोस कदम है।
- भूमि अभिलेखों का शुद्धिकरण: सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भूमि अभिलेख वर्तमान स्वामित्व, क्षेत्रफल और भूमि के प्रकार को सटीक रूप से दर्शाते हैं। इसमें गलतियों को सुधारना, छूटी हुई प्रविष्टियों को जोड़ना और अप्रचलित जानकारी को हटाना शामिल है।
- भूमि विवादों को कम करना: त्रुटिपूर्ण अभिलेख अक्सर भूमि विवादों का मूल कारण होते हैं। परिमार्जन प्रक्रिया इन विवादों को सुलझाने और भविष्य में उत्पन्न होने वाले विवादों को रोकने में मदद करती है।
- पारदर्शिता बढ़ाना: यह प्रक्रिया भूमि अभिलेखों के रखरखाव में अधिक पारदर्शिता लाती है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है और नागरिकों का सरकार पर विश्वास बढ़ता है।
- नागरिक-केंद्रित सेवाएँ: इसका लक्ष्य नागरिकों के लिए भूमि संबंधी सेवाओं को आसान और सुलभ बनाना है। सही अभिलेख होने से संपत्ति का पंजीकरण, दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) और अन्य भूमि संबंधी कार्य अधिक सुचारू रूप से होते हैं।
- विकास को गति देना: सटीक भूमि अभिलेख बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं, शहरी नियोजन और कृषि विकास के लिए आवश्यक हैं। यह प्रक्रिया विकास के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करती है।
- सबसे पहले बिहारभूमि पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- “नागरिक लॉग इन ” बटन पर क्लिक करे |
- अपना यूजर नेम और पासवर्ड डालकर लॉगिन करें। अगर आपके पास अकाउंट नहीं है, तो “रजिस्टर” विकल्प पर क्लिक करके नया अकाउंट बनाएं।
- लॉगिन करने के बाद, डैशबोर्ड पर ” परिमार्जन हेतु आवेदन करें ” का विकल्प पर क्लिक करें।
- आवेदन के प्रकार का चयन करें | (जैसे – अगर आप अपने ऑनलाइन जमाबंदी में खाता सुधार , खेसरा सुधार , रकवा सुधार, नाम सुधार , लगान सुधार , चौहदी सुधार इत्यादि करना चाहते है तो , आपको “डिजिटल जमाबंदी में सुधार (Rectification in Digitize Jamabandi)” वाला आप्शन का चयन करना है | और यदि आपका ऑफलाइन राजस्व रसीद ऑनलाइन नहीं किया गया है , और उसे ऑनलाइन चढ़ाना चाहते है , तो इसके लिए आप “कम्प्यूटराइजेशन हेतु छुटे हुए जमाबंदी का डिजीटाईजेशन (Digitization of Jamabandi Not Available Online)” वाला आप्शन का चयन करना है |
- अपने “ जिला ” का चयन करे उसके बाद अपने “ अंचल ” का चयन करें |
- अपने “ हल्का ” का चयन करे उसके बाद अपने “ मौजा ” का चयन करें |
- अपना जमाबंदी संख्या /खाता /खेसरा /भाग बर्तमान एवं पृष्ट संख्या डालकर अपने जमाबंदी को सर्च करें (कोई एक तरीका से सर्च करें )
- अपने आवश्यकता अनुसार अपने जमाबंदी में सुधार करे |
- अपना दस्तावेज अप लोड करें | (शपथ पत्र, रसीद , केवाला , शुद्धि पत्र, खतियान, मापी प्रतिवेदन इत्यादि 500kb)
- अपने आवेदन को “Finalize” करें |
- आवेदन (Receipt) रसीद डाउनलोड करें और प्रिंट आउट लें।

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