DCLR Mutation Appeal Case Status

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बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री के बाद, सरकारी रिकॉर्ड में क्रेता (खरीदार) का नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया को ‘दाखिल-खारिज’ या ‘म्यूटेशन’ कहा जाता है। यह एक अनिवार्य प्रक्रिया है, जिसके बिना जमीन पर आपका कानूनी स्वामित्व अधूरा माना जाता है। आवेदन की प्रक्रिया अब ऑनलाइन हो गई है, जिसे अंचलाधिकारी (Circle Officer – CO) के स्तर पर निष्पादित किया जाता है। लेकिन कई बार विभिन्न कारणों से अंचलाधिकारी आपके दाखिल-खारिज के आवेदन को अस्वीकृत (Reject) कर सकते हैं।

ऐसी स्थिति में निराश होने की आवश्यकता नहीं है। कानून आपको इस निर्णय के विरुद्ध अपील करने का अधिकार देता है। इस अपील को ‘दाखिल-खारिज अपील वाद’ कहा जाता है। यह अपील भूमि सुधार उप समाहर्ता (Deputy Collector Land Reforms – DCLR) के न्यायालय में दायर की जाती है। आइए, इस पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं।

जब किया व्यक्ति का दाखिल ख़ारिज अंचलाधिकारी के स्तर से किसी कारण से अस्वीकृत (reject) कर दिया जाता है, तब उसके बाद आवेदक के द्वारा अंचलाधिकारी के फैसले के खिलाफ एक उच्च अधिकारी के पास शिकायत दर्ज किया जाता है | यानि दाखिल-खारिज अपील (Dakhil Kharij Appeal) तब की जाती है |

अपील कहाँ और कब दायर करें?

  • कहाँ करें: दाखिल-खारिज की अपील आपके अनुमंडल (Sub-division) में बैठने वाले भूमि सुधार उप समाहर्ता (DCLR) के न्यायालय में दायर की जाती है। DCLR का कार्यालय सामान्यतः अनुमंडल कार्यालय परिसर में ही होता है।
  • कब करें: अंचलाधिकारी द्वारा दाखिल-खारिज आवेदन अस्वीकृत करने के आदेश की तारीख से 30 दिनों के भीतर आपको अपील दायर कर देनी चाहिए। यदि किसी विशेष कारण से 30 दिन से अधिक की देरी हो जाती है, तो आपको विलंब का उचित कारण बताते हुए एक अलग से आवेदन देना पड़ सकता है, जिसे स्वीकार करना या न करना DCLR के विवेक पर निर्भर करेगा।

अपील वाद दायर करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़

अपील दायर करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों को तैयार रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है:

  1. अपील आवेदन पत्र: एक सादे कागज पर या टाइप कराकर DCLR के नाम एक आवेदन तैयार करें। इसमें अपना पूरा नाम, पता, अस्वीकृत दाखिल-खारिज वाद संख्या, और अंचलाधिकारी के निर्णय के विरुद्ध अपील करने के सभी कारणों का स्पष्ट उल्लेख करें।
  2. अंचलाधिकारी के आदेश की प्रमाणित प्रति: यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। आपको CO कार्यालय से दाखिल-खारिज अस्वीकृत करने वाले आदेश की एक प्रमाणित प्रति (Certified Copy) निकलवानी होगी।
  3. निबंधन पत्र (रजिस्ट्री डीड / केवाला): जिस जमीन का दाखिल-खारिज रुका है, उसकी रजिस्ट्री डीड की एक स्व-अभिप्रमाणित छायाप्रति (Self-attested photocopy)।
  4. अद्यतन लगान रसीद: जमीन की नवीनतम (up-to-date) लगान रसीद की छायाप्रति।
  5. पहचान पत्र: आवेदक का आधार कार्ड या कोई अन्य सरकारी पहचान पत्र।
  6. वकालतनामा: यदि आप यह प्रक्रिया किसी वकील के माध्यम से कर रहे हैं, तो उनके पक्ष में एक वकालतनामा आवश्यक होगा।

जब दाखिल ख़ारिज अपीसबसे पहले बिहार सरकार के ऑफिसियल वेबसाइटल की ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से करते है , तो आपको एक “Temp No” प्राप्त होता है , उसके बाद वेरिफिकेशन किया जाता है | अगर आपका आवेदन सही सही किया गया है , तो उस “Temp No” को “Case No” में कन्वर्ट किया जाता है | इस पोस्ट में उस Case No का स्टेटस चेक करना सीखेंगे |

DCLR Mutation Appeal Case Status का Status करना बहुत आसान है | आप घर बैठे बिना किसी परेशानी के आसानी से इसका लाभ उठा सकते है | इसके लिए आप निचे दिए गए चरणों का प्रयोग कर सकते है :-

  • सबसे पहले बिहार सरकार के ऑफिसियल वेबसाइट https://biharbhumi.bihar.gov.in/Biharbhumi/ पर जाय |
  • होम पेज पर ” राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली ” बटन पर क्लिक करें।
  • उसके बाद ” Case Status” बटन पर क्लिक करें |
  • उसके बाद Court Name में ” DCLR” का चयन करें और Act Name में ” बिहार भूमि दाखिल ख़ारिज अधिनियम,2011 (अपीलवाद ) का चयन करें |
  • उसके बाद “Case No” Fill कर सर्च बटन पर क्लिक करें |
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मुझे आशा है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा , जिसमे आप बिना किसी परेशानी के ऑनलाइन घर बैठे DCLR Mutation Appeal Case Status चेक कर सकते है |

ऑनलाइन दाखिल ख़ारिज अपील वाद दायर करें

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